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पुनर्वित्त योजना करार

पुनर्वित्त योजना करार

100 रुपये के गैर-न्यायिक कागज़ पर

आधारभूत संरचना को दिए जाने वाले ऋण के सम्बन्ध में इंडिया इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (आईआईएफ़सीएल) से पुनर्वित्‍त प्राप्त करने के लिए सामान्य करार पत्र

यह सहमति ज्ञापन ____________________________20_____के ________दिनांक को एक पक्ष (ऋणदाता बैंक का नाम-(संलग्नक “ए” के अनुसार)) __________________________________, जिसका पंजीकृत/मुख्य/प्रधान कार्यालय __________________________________________(इसके बाद “बैंक” कहा जाए) पर है, तथा दूसरे पक्ष इंडिया इंफ्रास्‍क्‍ट्रक्‍चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड, एक कंपनी जो कंपनी अधिनियम के अधीन निगमित है, जिसका पंजीकृत कार्यालय प्‍लेट ए एवं बी, 5वीं मंजिल, ऑफीस ब्‍लॉक II, एनबीसीसी टॉवर, ईस्‍ट किदवई नगर, नई दिल्ली-110023 (इसके बाद “आईआईएफ़सीएल” कहा जाए) के बीच संपन्‍न हुआ है।

जबकि

1. बैंक अपने संघटकों को उनके द्वारा स्थापित/स्थापित किए जाने वाले आधारभूत संरचना परियोजनाओं को ऋण तथा अग्रिम देने को इच्छुक है और बैंक, आईआईएफ़सीएल और बैंक के बीच समय समय पर, नियमों एवं शर्तों पर सहमत होने पर, आईआईएफ़सीएल से सड़क तथा बंदरगाह जैसे आधारभूत संरचना परियोजनाओं के क्षेत्रों में ऋण तथा अग्रिम के पुनर्वित्‍त के लिए आवदेन करना चाहता है।

2. बैंक ने आईआईएफ़सीएल से नियमों एवं शर्तों पर आपसी सहमति से आधारभूत संरचना परियोजनाओं के लिए ऐसे ऋण तथा अग्रिम के पुनर्वित्‍त हेतु आग्रह किया है।

3. आईआईएफ़सीएल ऐसे ऋणों तथा अग्रिमों के सम्बन्ध में आधारभूत संरचना परियोजनाओं को यहाँ से आगे प्रस्तुत किेये जा रहे नियमों एवं शर्तों पर पुनर्वित्‍त प्रदान करने के लिए सहमत हुआ है।

अब एतद् द्वारा पक्षों द्वारा पक्षों के बीच निम्नलिखित पर सहमति हुई है:

1. आईआईएफ़सीएल अपने निरपेक्ष निर्णय परन्तु अपने ओर से हो सकने वाले दायित्‍व के बिना, बैंक के द्वारा ऋणों तथा अग्रिमों के सम्बन्ध में बैंक को चाहे इस करार की तिथि के पूर्व या बाद में पुनर्वित्‍त की स्वीकृति दे सकती है, जैसा उपरोक्त उल्लेखित है, उनके आधारभूत संरचना परियोजनाओं (इसके बाद “उक्‍त ऋण” कहा जाय) के उद्देश्य के लिए ऐसी सीमा तक तथा ऐसे नियम व शर्तों पर जो आईआईएफ़सीएल समय समय पर निश्चित कर सकता है।

2. उक्‍त ऋणों के सम्बन्ध में आईआईएफ़सीएल द्वारा स्वीकृत पुनर्वित्‍त प्रत्येक उक्‍त ऋणों (यहाँ से आगे “उक्‍त स्वीकृति पत्र” कहा जाए) के विषय में आईआईएफ़सीएल के स्वीकृति पत्र में जहाँ कहीं भी अनुबंधित भुगतान सूची के अनुसार की जाएगी। पुनर्वित्‍त को, स्थिति अनुसार, भुगतान के लिए बैंक के द्वारा सूचित आग्रह पत्र में भुगतान सूची के अनुसार या एक आगामी पत्र में जो आईआईएफ़सीएल द्वारा स्वीकृत हो या आईआईएफ़सीएल के द्वारा स्वयं के निरपेक्ष निर्णय में अनुबंधित हो, किया जा सकता है| उक्‍त भुगतान तथा पुनर्वित्‍त सूची आपसी करार से बदली जा सकती है।

  1. पुनर्वित्‍त पर उक्‍त पुनर्वित्‍त की अनुमति तिथि को पुनर्वित्‍त के लिए प्रचलित आईआईएफ़सीएल की उधार दर पर ब्याज लगेगा। ब्याज प्रत्येक माह की अंतिम तिथि को देय होगा| आईआईएफ़सीएल के पास ब्याज के भुगतान के लिए, स्वयं निर्णयानुसार, समय पर समय नियत्कालिकता तथा तिथि में बदलाव का अधिकार होगा।
  2. यद्यपि पूर्ववर्ती, बैंक आईआईएफ़सीएल को ब्याज ऐसे अन्य दरों पर चुकाएगी, जो समय दर समय, आईआईएफ़सीएल द्वारा निश्चित करे तथा बैंक को सूचित करे परन्तु इस प्रकार से निश्चित की गई दर, किसी भी समय बैंकों के द्वारा प्रदान किये गए सावधि ऋणों के दर से अधिक नही हो।

3. परंतु ब्याज दर (रें) बढ़ाने की स्थिति में:

  1. बैंक के पास ऐसी सूचना प्राप्त करने पर पुनर्वित्‍त की शेष राशि सहित उस पर सभी शेष ब्याज को अतिशीघ्र आईआईएफ़सीएल को पूर्व भुगतान करने का विकल्प होगा तथा
  2. विकल्प में, ऐसी सूचना प्राप्ति के बाद दो सालों तक किसी समय, सूचना के अनुसार अधिक ब्याज पर, भुगतान तक, बैंक के पास ऐसे पूर्व भुगतान को ब्याज के साथ करने का विकल्प होगा।

4. बैंक यह जिम्मेदारी लेती है:-

  1. कि आईआईएफ़सीएल की लिखित अनुमति के बिना, यह, इस करार की अवधि में आईआईएफ़सीएल के द्वारा पुनर्वित्‍त किये उक्‍त ऋणों पर प्रभावी ब्याज दर को नहीं बढ़ाएगी।
  2. कि जहाँ पुनर्वित्‍त या उसके भाग को पुनर्वित्‍त के लिए आईआईएफ़सीएल के ब्याज दर से रियायती दर पर लिया गया है, इसे सम्बंधित संघटक को, उक्‍त ऋण या उसके भाग पर, पुनर्वित्‍त स्वीकृत होने के समय आईआईएफ़सीएल के द्वारा उल्लेखित दरों से अधिक नहीं लेगा।
  3. कि अपने संघटकों से उक्‍त ऋण या उसके भाग के सम्बन्ध में शुल्क लेने की परिस्थिति में, पुनर्वित्‍त की स्वीकृति के समय आईआईएफ़सीएल द्वारा उल्लेखित उक्‍त ब्याज दर से अधिक लेने पर, वह आईआईएफ़सीएल को सभी ऐसे परिस्थितियों में उक्‍त पुनर्वित्‍त की स्वीकृति नामक पत्र में आईआईएफ़सीएल के द्वारा निर्दिष्ट उच्चतम ब्याज दर और बैंक के द्वारा लिए गए ब्याज दर का अंतर लौटाएगी।
  4. इसके अतिरिक्त यह परस्पर सहमति होती है कि उपरोक्त दिए गए (बी) तथा (सी) पर प्रावधान प्रयोज्य नही होंगे जब ऐसे अतिरिक्त ब्याज मूलधन के ब्याज/किश्तों पर दंडनीय ब्याज तथा या भुगतान/ पुनर्वित्‍त के रूप में या अन्य शेष मूल्य और लेनदार आधारभूत संरचना परियोजनाओं के द्वारा देय जब दिया गया हो की बैंक आईआईएफ़सीएल को सम्बंधित पुनर्वित्‍त किश्तों को देय तिथि को लौटा देती है बैंक के द्वारा लिए जायेंगे।

5. उक्‍त ऋणों के सम्बन्ध में पुनर्वित्‍त के लिए लागू शर्तों (जिसमे से प्रत्येक आवेदन को इसके के बाद “बैंक को आवेदन” कहा जाए) को स्थापित इस करार का आधार तथा इसके अधीन प्रदान किया गया पुनर्वित्‍त द्वारा घोषित किया जायेगा।

6. बैंक यह जिम्मेदारी लेती है की, आईआईएफ़सीएल की लिखित सूचना को छोड़ कर, उक्‍त ऋणों के पुनभु्र्गतान में घटक के द्वारा प्राप्त किया गया सभी मूल्य अतिशीघ्र सम्बंधित पुनर्वित्‍त के लिए प्रयोज्य होगा, और ऐसे आवेदन लंबित होने पर, आईआईएफ़सीएल की ओर से बैंक द्वारा संचालित होगा|

7. बैंक के आवेदन (जिसमे संपत्ति; जहाँ पर ऋण पत्र दस्तावेजों में विवरण दिए गए हैं) में उल्लेखित ऋण पत्रों को बैंक पुनर्वित्‍त के ऋण पत्र की तरह अपने पास रखेगी। बैंक यह घोषणा करती है की उसके द्वारा प्राप्त ऋण पत्र दस्तावेज में उक्‍त ऋणों के मांगे जाने पर पुनभु्र्गतान का प्रावधान नहीं होगा केवल कुछ परिस्थितियो को छोड़ कर जब लेनदार इकाइयों ने उक्‍त ऋण या उसके पुनभु्र्गतान में गड़बड़ी की है या देय तिथि को पार किया है या करार को तोडा है।

8. बैंक यह सहमति देती है तथा जिम्मेदारी उठाती है की यदि या जब कभी वह यह अनुभव करती है की उक्‍त ऋण पत्र (संपत्ति सहित) उपरोक्त खंड से सम्बंधित या वहां कोई भाग, वह आईआईएफ़सीएल को ऐसे नगद सम्बन्धी या उसका भाग।

9. बैंक इस बात से सहमत है कि :-

  1. वह बैंक को संघटकों के किसी भी खाते में निर्धारित ऋण के साथ कोई विरोधी या संभावित खतरे में डालने वाली गतिविधियों को आज्ञा नहीं देगा।
  2. संघटकों के विषयों को समय-समय पर सर्वेक्षण करना तथा, प्रतिवर्ष, ऐसे सर्वेक्षणों की रिपोर्ट आईआईएफ़सीएल को आवश्यकतानुसार सौंपना, जिससे की विषयों द्वारा प्रगति तथा संघटकों को प्रदान किये गए ऋणों का उनके सही उद्देश्य के लिए उपयोग को सूचित करता सूचना मिलती है;
  3. आईआईएफ़सीएल को ऐसी सभी सूचनाएँ सौंपना जिसकी आईआईएफ़सीएल को समय-समय संघटकों से सम्बंधित या स्वयं बैंक के बारे में आवश्यकता होती है, विशिष्ट रूप से तब जब उसके/उनके द्वारा किसी बैंक के साथ चालू खाते से हो;
  4. आईआईएफ़सीएल को उक्‍त ऋणों की सुरक्षा के रूप में उसके द्वारा प्राप्त सभी जमानती दस्तावेज के प्रतिलिपियों को आईआईएफ़सीएल द्वारा जब कभी मांगे जाने पर सौंपा जायेगा;
  5. आईआईएफ़सीएल को अपनी लेखा-बही में पुनर्वित्‍त किये गए ऋण के निरीक्षण करने का अधिकार है;

10. यद्यपि बैंक इस बात से सहमत है की इस करार में शामिल कुछ के लिए भी, आईआईएफ़सीएल को अधिकार है की वह लिखित रूप में सूचित करे की आईआईएफ़सीएल के द्वारा उक्‍त किसी ऋणों के सम्बन्ध में, चाहे देय या नहीं, निम्नलिखित में से किसी घटना के घटित होने पर, आईआईएफ़सीएल के प्रति अपने जिम्मेदारियों का पूर्ण या आंशिक रूप से निर्वहन करे, जैसे

  1. इस करार से सम्बंधित भुगतान या पुनर्वित्‍त में बैंक के द्वारा या बैंक तथा आईआईएफ़सीएल के बीच किसी अन्य करार में चूक
  2. इस करार के कार्य निष्‍पादन या निरीक्षण तथा/या बैंक के अर्जी तथा/या पुनर्वित्‍त योजना के प्रावधानों तथा/या समय दर समय आईआईएफ़सीएल के द्वारा ज़ारी किये गए किन्ही निर्देशों में हुई कोई चूक या विच्छेदन;
  3. बैंक का आवेदन या उसमे निहित कोई त्रुटिपूर्ण या असत्य कथन या सूचना, जांच-पड़ताल की परिस्थति के परिणामस्वरूप त्रुटिपूर्ण या असत्य निकले।
  4. उधारकर्ता इकाई द्वारा कहीं भी प्रयोज्य रियायती करार की किसी भी शर्त या नियम का उल्‍लंघन करना तथा वैधानिक प्राधिकार द्वारा निर्धारित करार को रद्द करना।

इस प्रश्न के लिए की कोई उपरोक्त घटना घटित हुई है या नहीं, आईआईएफ़सीएल का बैंक पर निर्णय अंतिम, निर्णायक तथा बाध्यकारी होगा तथा आईआईएफ़सीएल को यह सलाह देने की छूट प्राप्त है की वह भारतीय रिजर्व बैंक या अन्य भारतीय बैंक या कोई अन्य बैंक जिसके साथ बैंक अपना खाता चालू रखती है या ऐसे खाते या खतों से लेन-देन करती है, जैसा आईआईएफ़सीएल सुनश्चित कर सकती है, देय मूल्य के साथ, तथा वही मूल्य आईआईएफ़सीएल को भुगतान किया जाये। ऐसा सम्बंधित बैंक के भुगतान किये जाने पर या पुनर्वित्‍त या लाभ के लिए देय भुगतान किये जाने पर प्रत्यक्ष रूप से या अनिवार्यता पर आईआईएफ़सीएल के द्वारा धनराशि की पुनः प्राप्ति का अधिकार बिना किसी पक्षपात के होगा।

11. बैंक यह जिम्‍मेदारी लेता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक या किसी अन्य बैंक द्वारा किया गया कोई भी डेबिट जिसके साथ बैंक खाते या खतों को चालू रखती है, आईआईएफ़सीएल से प्राप्‍त परामर्श के निष्पादन में होगा, जैसे बैंक तथा भारतीय रिजर्व बैंक के बीच या पूर्व उक्‍त बैंक या बैंकों के बीच इस धारा की प्रतिलिपि तथा विधिक धारा या पूर्व उक्‍त बैंक या बैकों के पक्ष में दिए गए विधिक आदेश के रूप में प्रभावी होगा जो की आईआईएफ़सीएल को लिखित में पूर्व स्वीकृति के बिना बैंक द्वारा रद्द करने योग्य नहीं होगा।

12. बैंक, यद्यपि अपने संघटकों के क्रेडिट के सन्दर्भ में की गयी पूछ-ताछ या आईआईएफ़सीएल के द्वारा प्रदान की गयी सूचना, उक्‍त ऋणों के सम्बन्ध में आईआईएफ़सीएल के द्वारा प्रदत्त किसी पुनर्वित्‍त का देय भुगतान में सदैव आईआईएफ़सीएल के मूल ऋणदार के रूप में बाध्य होते हैं। बैंक इस बात से भी सहमत है कि ऐसी स्थिति में वह पुनर्वित्‍त की किश्त तथा/या पुनर्वित्‍त पर जमा ब्याज का भुगतान तथा/या ना निकाले गए पुनर्वित्‍त पर निर्धारित मूल्य को भुगतान देय तिथि पर भुगतान करने में असफल होती है तो यह आईआईएफ़सीएल द्वारा ज़ारी किया जा सकता है, आईआईएफ़सीएल को यह अधिकार है की जैसे उपरोक्त में बकाया धन के गैर-भुगतान के कारण चूक होने की स्थिति में ब्याज/अतिरिक्त ब्याज की वसूली करे। ऐसे ब्याज/अतिरिक्त ब्याज निम्नलिखित के अधीन होंगे:

  1. पुनर्वित्‍त की चूक की गई किश्तों पर अतिरिक्त ब्याज वसूली 2% प्रति वर्ष से अधिक या चूक नहीं होने की स्थिति में ना चुकाए गए किश्तों के सम्बन्ध में प्रयोज्य ब्याज दर के ऊपर नहीं होना चाहिए; बैंक से ऐसे अतिरिक्त वसूल किये जाने वाले ब्याज की चूक के सम्पूर्ण अवधि की गणना की जाएगी, यानि देय तिथि जिस पर भुगतान नहीं हुआ हो वास्तविक भुगतान की तिथि के बीच का समय।
  2. ब्याज/प्रतिबद्धता प्रभार के चूक की राशि पर ब्याज की चूक की तिथि पर प्रचलित पुनर्वित्‍त के लिए आईआईएफ़सीएल के सामान्य लेंडिंग दर से 2% प्रतिवर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए| बैंक द्वारा वसूल किया जाने वाला ऐसा ब्याज की चूक में सम्पूर्ण अवधि के लिए गणना की जाएगी, मतलब की, आईआईएफ़सीएल के सूचना (ब्याज/वचनबद्धता मूल्य के द्वारा शेष मूल्य पर सलाह) की तिथि के 16 वें दिन से ले कर उस तिथि तक जब तक मूल्य का वास्तविक रूप से भुगतान किया जायेगा।

13. पुनर्वित्‍त योजना, समय दर समय आईआईएफ़सीएल द्वारा ज़ारी किया गया निदेश/परिपत्र तथा उक्‍त स्वीकृति पत्र को करार का भाग बनने की मान्यता दी जाएगी।

  1. कृप्या कर उधार धन से सम्बंधित अधिकारी/अधिकारियों के अधिकार सम्बंधित नियमों/सूचनाओं/आदेशों की प्रतिलिपि को प्रस्तुत करें तथा बैंक की और से करार के लिए क्रियान्वित करें।
  2. कृपया कर अधिकारी के उधार धन का अधिकार देने से सम्बंधित अधिकारी/अधिकारियों के समर्थन में प्रतिनिधि के अधिकार का यथार्थ फोटोस्टेट/प्रमाणित प्रतिलिपि को प्रस्तुत करे तथा बैंक की ओर से करार के लिए क्रियान्वित करें।
  3. कृपया ध्यान दें की बैंक द्वारा संपादित करने से पूर्व इस करार पर भारतीय मुहर धारा, 1899 के अनुसूची १ के अनुच्छेद 5 (स्थानीय परिवर्तन/सुधार का विषय) के अंतर्गत मुहर होनी चाहिए।
  4. कृपया सुनिश्चित करें कि सभी सुधार/अस्‍वीकार करने/उ‍परिलेखन/मिटाने इत्यादि के संबंध में दस्तावेजों पर हस्ताक्षर के लिए अधिकृत व्यक्ति/व्यक्तियों का पूर्ण हस्ताक्षर के अंतर्गत अधिकृत होंगे।

जहाँ की वित्तपोषण संस्थान मुहर के साथ दस्तावेज का निष्पादन करती है

का सामान्य मुहर

_______________________

(बैंक)

यहाँ तक मिलाया गया (सामान्य मुहर)

कार्य-पालन कर्ता के लिए प्रस्ताव

बोर्ड द्वारा पारित किया गया

निदेशकों का उनके अधिवेशन में

20 को संपन्न

श्री तथा श्री की उपस्थिति में

निदेशक निदेशक

जिन्होंने इन इस पर हस्ताक्षर किये वे तत्‍संबंधी प्रतीक के रूप में उपस्थित रहें निदेशक

तथा श्री

सचिव जिसने प्रतिहस्‍ताक्षर किया है सचिव

सूचना : निदेशक दल के प्रस्ताव की प्रमाणित प्रतिलिपि, सम्बंधित निदेशक द्वारा इस करार का सम्पादन प्राधिकृत करना, तथा या सामान्य मुहर के अंतर्गत प्रस्तुत करना चाहिए

अपने प्रमाण में जिसका एम्.ओ.यू की दलों ने यहाँ तक अपनी स्थिति की स्थापना अपने अधिकृत अधिकारी/उचित रूप से निर्मित प्रतिनिधि श्री/सर्वश्री

………………………………………………………………………………………………

………………………………………………………………………………………………

यहाँ पर प्रथम लिखित वर्ष में तथा दिनांक को

उक्‍त ………………………………………….

द्वारा हस्ताक्षर तथा वितरण

(इंडिया इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड)

अपने प्राधिकृत कर्मचारी के हस्त से

विधिवत रूप से गठित अर्टानी

1. ……………………………… ………………………………

(हस्ताक्षर)

2. ……………………………… ………………………………

(हस्ताक्षर)

प्राधिकृत अधिकारी

----------------------------------------

विधिवत रूप से गठित अर्टानी

उक्‍त ………………………………………….

द्वारा हस्ताक्षर तथा वितरण

(इंडिया इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड)

अपने प्राधिकृत कर्मचारी के हस्त से

संलग्नक “ए”

पी.एस.यू बैंक के लिए

बैंककारी कंपनी (उपक्रमों का अर्जन एवं हस्‍तातंरण) अधिनियम, 1970 /1980 के प्रावधानों के अधीन गठित कार्पोरेट निकाय ________________

भारतीय स्टेट बैंक के लिए

भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम, 1955 के प्रावधानों के अधीन गठित कार्पोरेट निकाय _________________

एस.बी.आई. के सहायक बैंकों के लिए

भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम (सहायक बैंक) अधिनियम, 1959 के प्रावधानों के अधीन गठित कार्पोरेट निकाय ________________

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