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संबंधित पक्षकार लेन-देन पर नीति

संबंधित पक्षकार लेन-देन पर नीति

1. प्रयोज्‍यता एवं प्रभावी तिथि

यह नीति कंपनी को कंपनी एवं इससे संबंधित पक्षों के बीच लेन-देनों का नियंत्रण करने के लिए तुरंत प्रभाव से प्रयोज्‍य होगी।

2. प्रयोजन

कंपनी अधिनियम, 2013 दिनांक 1 अप्रैल, 2014 को अधिसूचित किया गया था। इस अधिनियम की धारा 177 में यह अपेक्षित है कि प्रत्‍येक लेखा परीक्षा समिति मंडल द्वारा लिखित में विनिर्दिष्‍ट विचारार्थ विषय के अनुसार कार्य करेगी जिसमें अन्‍य बातों के साथ-साथ कंपनी का संबंधित पक्षकारों के साथ लेन-देन का अनुमोदन अथवा उसमें बाद का कोई संशोधन शामिल होगा। कंपनी की संबंधित पक्षकार लेन-देन से संबंधित लेखा परीक्षा समिति के विचारार्थ विषय के संबंध में कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 177 के उपबंधों के अनुसरण में निदेशक मंडल इस संबंधित पक्षकार लेन-देन पर नीति का अनुमोदन कर सकता है एवं लेखा परीक्षा समिति इस नीति को नोट कर सकती है।

3. संबंधित पक्षकार लेन-देन का आचार-व्‍यवहार

सभी संबंधित पक्षकार लेन-देन के साथ-साथ कंपनी द्वारा संपन्‍न होने वाले प्रस्‍तावित उसमें बाद के कोई संशोधन तत्‍काल प्रभाव से इस नीति के अनुसार लेखा परीक्षा समिति/निदेशक मंडल/शेयरधारक के अनुमोदन के अधीन होंगे।

संबंधित विभाग को संबंधित पक्षकार लेन-देन (नों) के लिए लेखा परीक्षा समिति एवं/अथवा निदेशक मंडल एवं/अथवा शेयरधारक का पूर्व अनुमोदन लेना आवश्‍यक होगा जो कंपनी अधिनियम, 2013 के उपबंधों एवं उसके अंतर्गत बनाये गये नियमों के अनुसार अपेक्षित है।

4. संबंधित पक्षकार लेन-देन के लिए अनुमोदन

  1. लेखा परीक्षा समिति का अनुमोदन

    लेखा परीक्षा समिति के समक्ष विचारार्थ रखे गये संबंधित पक्षकार लेन-देन के अनुमोदनार्थ प्रस्‍ताव में वास्‍तविक अथवा संभावित संबंधित पक्षकार लेन-देन के संबंध में आवश्‍यक सूचना अंतर्विष्‍ट होगी जो कंपनी अधिनियम, 2013 एवं उसके अंतर्गत नियमों में निर्धारित है।

    समिति का कोई सदस्‍य जिसका संबंधित पक्षकार लेन-देन में संभावित हित जुड़ा है, संबंधित पक्षकार लेन-देन अनुमोदन पर चर्चा व मतदान से दूर रहेगा।

  2. मंडल का अनुमोदन

    मंडल का पूर्व अनुमोदन – यदि लेखा परीक्षा समिति यह अवधारित करती है कि संबंधित पक्षकार लेन-देन, मंडल के समक्ष लाये जाने चाहिए अथवा यदि मंडल किसी मामले में किसी ऐसी रीति में समीक्षा करने का निर्णय करता है अथवा यह संबंधित पक्षकार लेन-देन का अनुमोदन करने के लिए मंडल को किसी कानून के तहत अनिवार्य है तो मंडल, ऐसे संशोधन जो परिस्थिति को देखते हुए आवश्‍यक अथवा समुचित समझे जाएं, के साथ मंडल की बैठक में संबंधित पक्षकार लेन-देन के अनुमदोनार्थ प्रस्‍ताव पर विचार करेगा।

    निदेशक मंडल का कोई सदस्‍य जिसकी किसी संबंधित पक्षकार लेन-देन में संभावित हित जुड़ा है, संबंधित पक्षकार लेन-देन के अनुमोदन पर चर्चा से दूर रहेगा एवं वोट नहीं करेगा।

    मंडल को उपलब्‍ध कराए जाने वाले विवरण - प्रस्‍तावित संबंधित पक्षकार लेन-देन के संबंध में शेयरधारकों को संबंधित पक्षकार लेन-देन(नों) के अनुमोदनार्थ निम्‍नलिखित सूचना उपलब्‍ध कराई जाएगी:

    1. संबंधित पक्षकार का नाम एवं संबंध का स्‍वरूप
    2. संविदा का स्‍वरूप, अवधि एवं संविदा अथवा करार का ब्‍यौरा:
    3. कीमत, यदि कोई हो सहित संविदा अथवा करार की महत्‍वपूर्ण शर्तें
    4. संविदा अथवा करार हेतु प्रदत्‍त अथवा प्राप्‍त कोई अग्रिम राशि, यदि कोई हो,
    5. मूल्‍य निर्धारण एवं अन्‍य वाणिज्यिक शर्तों का निर्धारण करने के तरीके, संविदा के हिस्से के रूप में एवं संविदा के हिस्से के रूप में न माने जाने वाले सहित दोनों
    6. क्‍या संविदा के सभी प्रासंगिक कारकों पर विचार किया गया है यदि नहीं तो उन कारकों पर विचार न करने के औचित्‍य के साथ उन कारकों का विवरण जिन पर विचार नहीं किया गया
    7. कोई अन्‍य प्रासंगिक अथवा महत्‍वपूर्ण जानकारी जिस पर मंडल ने प्रस्‍तावित लेन-देन पर निर्णय लेना है।
  3. शेयरधाकों का अनुमोदन

    शेयरधारकों का पूर्व अनुमोदन - संबंधित पक्षकार लेन-देन जो कारोबार के मामूली अनुक्रम में नहीं होते हैं या जहां असंबंधित आधार पर लेन-देन (आर्म्‍स लेंथ बेसिस) नहीं होता है और अवसीमा से अधिक है जो कंपनी (मंडल की बैठक एवं इसकी शक्तियां) नियम, 2014 के नियम 15 के साथ-साथ उसके अंतर्गत संशोधन में विनिर्दिष्‍ट है, विशेष संकल्‍प की रीति से शेयरधारकों का पूर्व अनुमोदन आवश्‍यक होगा।

    कंपनी का कोई सदस्‍य कोई संविदा अथवा करार का अनुमोदन करने के लिए विशेष संकल्‍प पर वोट नहीं करेगा जो कंपनी द्वारा संपन्‍न किए जा सकते हैं यदि ऐसा सदस्‍य ऐसी संविदा अथवा करार के लिए संबंधित पक्षकार है।

    पूर्णस्‍वामित्‍वाधीन सहायक कंपनी के मामले में धारक कंपनी द्वारा पारित विशेष प्रस्‍ताव, पूर्णस्‍वामित्‍वाधीन सहायक कंपनी एवं धारक कंपनी के बीच लेन-देन संपन्‍न करने के प्रयोजनार्थ पर्याप्‍त होंगे।

    शेयरधारक को उपलब्‍ध कराए जाने वाले विवरण

    प्रस्‍तावित संबंधित पक्षकार लेन-देन के संबंध में शेयरधारकों को संबंधित पक्षकार लेन-देन(नों) के अनुमोदनार्थ निम्‍नलिखित सूचना उपलब्‍ध कराई जाएगी:

    1. संबंधित पक्षकार का नाम
    2. निदेशक अथवा शीर्ष प्रबंधकीय कर्मी का नाम जो संबंधित है यदि कोई है:
    3. संबंध का स्‍वरूप
    4. कीमत, यदि कोई हो सहित संविदा अथवा करार की महत्‍वपूर्ण शर्तें
    5. कोई अन्‍य प्रासंगिक अथवा महत्‍वपूर्ण जानकारी जिस पर सदस्‍यों ने प्रस्‍तावित लेन-देन पर निर्णय लेना है।
  4. संबंधित पक्षकार लेन-देन का अनुसमर्थन

    1. यदि संबंधित पक्षकार लेन-देन संपन्‍न करने में मंडल/शेयरधारओं का पूर्व अनुमोदन नहीं मिलता है तो यथास्थिति मंडल/शेयरधारक संबंधित पक्षकार लेन-देन संपन्‍न करने के तीन माह के भीतर संबंधित पक्षकार लेन-देन का अनुसमर्थन करेंगे।
    2. यदि संबंधित पक्षकार लेन-देन को उपरोक्‍त उल्लिखित विनिर्दिष्‍ट अवधि के भीतर अनुसमर्थन नहीं मिलता है तो ऐसी संविदा अथवा करार मंडल के विकल्प पर अमान्‍य हो जाएंगे एवं यदि संविदा अथवा करार कोई निदेशक का संबंधित पक्षकार के साथ है अथवा किसी अन्‍य निदेशक द्वारा प्राधिकृत है तो संबंधित निदेशकगण उसके कारण हुई हानि के प्रति कंपनी को क्षतिपूर्ति करेंगे।
    3. किसी मामले में जहां मंडल/शेयरधारक में से कोई संबंधित पक्षकार लेन-देन जो बिना अनुमति के प्रारंभ की गई है, का अनुसमर्थन नहीं करता है तो मंडल/शेयरधारक सीधी कार्रवाई सहित लेकिन सीमित नहीं, लेन-देन तुरंत खत्‍म कर सकता है अथवा अनुसमर्थन हेतु इसे स्‍वीकार्य बनाने के लिए लेन-देन में संशोधन कर सकता है।
  5. अभिलेखों का अनुरक्षण

    कंपनी, कोई संबंधित पक्षकार वाली सभी संविदा अथवा करार के ब्‍यौरे जिनमें मंडल का अनुमोदन आवश्‍यक है, अलग से दर्शाने वाले एक अथवा उससे अधिक रजिस्‍टर बनाएगा।

  6. विगोपन

    1. संबंधित पक्षकारों के साथ कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 188 के अनुरूप संपन्‍न, मंडल/शेयरधारकों के अनुमोदन वाली प्रत्‍येक संविदा अथवा करार ऐसे संविदा अथवा करार करने के औचित्‍य के साथ मंडल की शेयरधारकों को रिपोर्ट में संदर्भित किए जाएंगे।
    2. कंपनी संबंधित पक्षकार लेन-देन के साथ संव्‍यवहार पर नीति का अपने वेबसाइट पर विगोपन करेगी एवं तत्‍संबंधी वेब लिंक वार्षिक रिपोर्ट में प्रदान किया जाएगा।
    3. संबंधित पक्षकार का नाम एवं संबंध का स्‍वरूप व संबंधित पक्षकारों के सभी लेन-देनों का विवरणों का वित्‍तीय विवरणों में लेखांकन मानक 18 के अनुसार विगोपन किया जाए।

5. बाध्‍यता

इस नीति के एवं कंपनी अधिनियम, 2013 के उपबंधों, उसके तहत बनाए गये नियमों एवं उसमें किए गये संशोधनों के किसी प्रकार में किसी प्रकार की भिन्‍न्‍ता की स्थिति में यथास्थिति कंपनी अधिनियम, 2013 के प्रावधान, उसके तहत बनाए गये नियम एवं संशोधन यदि कोई हो, इस नीति पर अभिभावी होंगे एवं आईआईएफसीएल उनका अनुपालन करेगा।

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