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आईआईएफसीएल की स्थापना

आईआईएफसीएल की स्थापना

भारत के माननीय वित्त मंत्री ने, केंद्रीय 2005-2006 का केंद्रीय बजट प्रस्तुत करते समय, देश में पर्याप्‍त आधारभूत संरचना के निर्माण के महत्व तथा मांग को स्‍वीकार किया एवं निम्नलिखित घोषणा की:

 “आधारभूत संरचना के त्‍वरित विकास की महत्‍ता की अनदेखी नहीं की जा सकती है। भारत में सर्वाधिक सुस्पष्ट आधारभूत संरचना के निवेश में भारी कमी है तथा इसको बजट द्वारा वित्तपोषित करना जारी रखना होगा। हालाँकि, बुनियादी ढांचे की कई ऐसी परियोजनाएं विद्यमान हैं जो आर्थिक रूप से अर्थक्षम हैं परन्तु वे वर्तमान परिस्थिति में संसाधनों को जुटाने में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। मैं यह प्रस्ताव रखता हूँ कि ऐसी परियोजनाओं को विशेष प्रयोजन माध्‍यम (एसपीवी) से वित्‍तपोषित किया जाए….। यह विशेष प्रयोजन माध्‍यम सीधे पात्र परियोजनाओं को वित्‍तपोषण, विशेष तौर पर लंबी अवधि वाले ऋण उपलब्‍ध कराएगा जो बैंकों एवं अन्‍य वित्‍तीय संस्‍थानों से अन्‍य पूरक ऋणों के तौर पर होंगे। सरकार प्रत्‍येक वित्‍त वर्ष की शुरूआत में एसपीवी को उधार की सीमा से अवगत कराएगी‘’  

तदनुसार, भारत सरकार ने व्‍यापक तौर पर सिफ्टी के तौर पर संदर्भित, इंडिया इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर फाइनेंस कंपनी लि. नामक विशेष प्रयोजन माध्‍यम द्वारा अर्थक्षम अवसंरचना परियोजनाओं के वित्‍तपोषण के लिए योजना का अनुमोदन किया। 

अत: जनवरी 2006 में भारत सरकार के पूर्णस्‍वामित्‍वाधीन इंडिया इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर फाइनेंस लिमिटेड (आईआईएफसीएल) की स्‍थापना की गई जिसने अप्रैल, 2006 से अपना कारोबार आरंभ किया।