ब्याज दर एवं जोखिमों का श्रेणीकरण
प्रस्तावना:
भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को अपनी अधिसूचना सं. डीएनबीएस.204/सीजीएम(एएसआर)-2009 दिनांक 2 जनवरी, 2009 एवं एनबीएफसी के लिए उचित आचार संहिता (एफपीसी) पर अपने दिशानिर्देश मास्टर परिपत्र सं. डीएनबीआर (पीडी) सीसी.सं. 054/03.10.119/2015-16 दिनांक 1 जुलाई, 2015 के माध्यम से निम्नलिखित निर्देश दिये हैं:
- प्रत्येक एनबीएफसी का बोर्ड निधियों की लागत, मार्जिन एवं जोखिम प्रीमियम इत्यादि जैसे प्रासंगिक कारकों को ध्यान में रखते हुए ब्याज दर मॉडल अपनाएगा एवं ऋण एवं अग्रिमों के लिए प्रभारित किए जाने वाले ब्याज दर का निर्धारण करेगा। उधारकर्ता अथवा ग्राहक को ब्याज दर एवं जोखिमों के श्रेणीकरण के दृष्टिकोण व उधारकर्ताओं की अलग-अलग श्रेणियों को अलग-अलग ब्याज दर प्रभारित करने की औचित्यता का आवदेन पत्र में विगोपन किया जाएगा एवं संस्वीकृति पत्र में स्पष्ट रूप से अवगत कराया जाएगा।
- ब्याज दर एवं जोखिमों के श्रेणीकरण के दृष्टिकोण कंपनियों की वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराने होंगे अथवा प्रासंगिक समाचार पत्रों में प्रकाशित कराने होंगे। ब्याज दर में बदलाव होने पर वेबसाइट अथवा अन्यथा प्रकाशित सूचना का अद्यतन किया जाय।
- ब्याज दर सालाना दरों पर आधारित हो ताकि उधारकर्ता को सटीक दरों का पता हो जो उसके खाते में प्रभारित किया जाएगा।
ब्याज दर:
कंपनी उधारकर्ताओं को ऋण की संस्वीकृति के समय अन्य नियम व शर्तों के साथ ऋण राशि व ब्याज दर की सूचना देती है।
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प्रत्यक्ष ऋण
आईआईएफसीएल द्वारा प्रभारित ब्याज दर सहायता संघ में अग्रणी ऋणदाता द्वारा प्रभारित प्रभावी दर पर प्रस्तुत की जाएगी जो आईआईएफससीएल की मूल दर से कम दर पर न होने के अधीन होगा।
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टेकआउट वित्तपोषण
टेकआउट के अस्तित्व में आने की निर्धारित तिथि को आईआईएफसीएल द्वारा लिए गये ऋण के लिए ब्याज दर वाणिज्यिक प्रचालन तिथि (सीओडी) के पश्चात दो प्रतिष्ठित घरेलू रेटिंग एजेंसियों के ऋण जोखिम निर्धारण पर अधारित होगी। ब्याज दर मूल दर जमा ऋण जोखिम प्रीमियम के माध्यम से प्रदर्शित होती है। ब्याज दर के लिए विस्तृत दिशानिर्देश आईआईएफसीएल की वेबसाइट पर संशोधित टेकआउट स्कीम में दर्शाये गये हैं:
जोखिमों के श्रेणीकरण के दृष्टिकोण:
आईआईएफसीएल द्वारा प्रभारित ब्याज दर इसके मूल दर से जुड़ी हुई हैं जो निधियों की पूरी लागत के औसत के आधार पर निर्धारित की जाती है।
निदेशक मंडल ऋण की संस्वीकृति के अनुमोदन करने वाला सक्षम प्राधिकारी होता है। ऋण की संस्वीकृति क्षेत्र की प्रकृति, उधारकर्ता की प्रोफाइल एवं साख, परियोजना के जोखिम के निर्धारण, ऋण की प्रतिभूति जैसे व्यापक मानदडों पर ऋण नीति के अनुरूप ऋण मूल्यांकन एवं सम्यक उद्यम के आधार पर की जाती है। उपरोक्त परियोजना मूल्यांकन के आधार पर, सक्षम प्राधिकारी बाजार की मौजूदा स्थिति, जोखिम निर्धारण एवं संघ के नियमों के आधार पर ब्याज दर अनुमोदित करते हैं।